A REVIEW OF SHIV CHAISA

A Review Of Shiv chaisa

A Review Of Shiv chaisa

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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

किसी भी वजह से मन में कोई भय हो तो शिव चालीसा का पाठ करे।

कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।

अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा

आज के युग में शिव चालीसा पाठ व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिव Shiv chaisa चालीसा लिरिक्स की सरल भाषा के मध्यम भगवान शिव को आसानी Shiv chaisa से प्रसन्न किया जा सकता है।

जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण shiv chalisa lyricsl दीन्हा॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

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